Teacher Recruitment - नर्सरी टीचर के 166 पदाें पर निकली वैकेंसी, करें आवेदन

sdmc Nursery Teacher recruitment 2018, दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) ने टीचर (नर्सरी) के रिक्त 166 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार 14 अगस्त 2018 तक निर्धारित प्रारूप के माध्यम से इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन अौर अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना विवरण लिंक पर क्लिक करें।


दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) में रिक्त पदों का विवरणः

टीचर (नर्सरी) : 166 पद

 

वेतनमानः

दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) में नर्सरी टीचर के पदाें पर चयनित उम्मीदवाराें को 35,000 रुपए / - वेतनमान दिया जाएगा।

दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) में नर्सरी टीचर के रिक्त पदाें पर आवेदन करने के लिए योग्यता मानदंड व शैक्षणिक योग्यताः
- मान्यता प्राप्त बोर्ड/संस्थान/विश्वविद्यालय से 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं या समकक्ष।
- नर्सरी टीचर एजुकेशन में कम से कम दो साल की अवधि का डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट। या
- मान्यता प्राप्त संस्थान से B.ED ( नर्सरी )।

योग्यता संबंधी अौर अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना विवरण लिंक पर क्लिक करें।


दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) में Nursery Teacher आवेदन प्रक्रिया:

योग्य उम्मीदवार दक्षिण दिल्ली नगर निगम की अधिकारिक वेबसाइट www.sdmc.gov.in के माध्यम से 14 अगस्त 2018 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Teacher Nursery South Delhi Municipal Corporation महत्वपूर्ण तिथियां:

• आवेदन की प्रक्रिया आरंभ होने की तिथि: 01 अगस्त 2018

• आवेदन की अंतिम तिथि: 14 अगस्त 2018

sdmc Nursery Teacher recruitment 2018 :

दक्षिण दिल्ली नगर निगम ( sdmc ) में टीचर (नर्सरी) के रिक्त 166 पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।

दिल्ली नगर निगम का परिचयः

दिल्ली नगर निगम एक शहर व नगर निगम है, जो दिल्ली के कुल नौ जिलों में कार्यरत है। यह दिल्ली में कार्यरत तीन नगर पालिकाओं में से एक है। शेष दो हैं नई दिल्ली नगर पालिका और दिल्ली छावनी बोर्ड। दिल्ली नगर निगम विश्व की सबसे बड़ी नगर पालिका संगठन है, जो कि अनुमानित 137.80 लाख नागरिकों को नागरिक सेवाएं प्रदान करती है। यह क्षेत्रफ़ल के हिसाब से भी मात्र टोक्यो से ही पीछे है।" नगर निगम 1397 वर्ग कि॰मी॰ का क्षेत्र देखता है। निगम की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को भारतीय संसद के अधिनियम के अंतर्गत्त की गई थी। तब से ये नगरपालक संस्था अपने संविधान और प्रकार्यों में नगर के नागरिकों हेतु सदा सक्रिय रही है। अधिनियम 1993 में हुए संशोधन के बाद संस्था के संयोजन, प्रकार्यों, निगम के शासन एवं प्रशासन के मामलों में कई बदलाव आये थे।

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