नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी में रिसर्च फेलो के पद पर निकली वैकेंसी, करें आवेदन

NJA Research Fellow recruitment 2018, नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) ने रिसर्च फेलो के रिक्त पद पर भ्रती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।इच्छुक व योग्य उम्मीदवार दिए गये प्रारूप के अनुसार 21 मई 2018 तक आवेदन कर सकते हैं।आवेदन आैर अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना यहां क्लिक करें।

 

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) में रिक्त पद का विवरण:

रिसर्च फेलो- 1 पद

 

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) में रिक्त रिसर्च फेलो पद पर आवेदन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता:

LLM के साथ 5 वर्षों के टीचिंग का अनुभव या जुडिशल एकेडमी/नेशनल लेवल इंस्टीट्युशन/यूनिवर्सिटी में रिसर्च का अनुभव या जुडिशल ऑफिसर के रूप में 5 वर्षों की सेवा पूरा किया होना आवश्यक है।

 

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) में रिक्त पद पर आवेदन करने के लिए आयु सीमा:

उम्मीदवार की आयु 18 से 56 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है।

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) में रिसर्च फेलाे के पदाें पर आवेदन कैसे करें:

योग्य उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप के अनुसार भरे हुए आवेदन पत्र आवश्यक दस्तावेजों के साथ 21 मई 2018 तक रजिस्ट्रार (एडमिनिस्ट्रेशन), नेशनल जुडिशल एकेडमी, भदभदा रोड, सूरज नगर, पी.ओ., भोपाल- 462044, मध्य प्रदेश के पते पर भेज सकते हैं।

 

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) में रिक्त पद पर आवेदन के लिए महत्वपूर्ण तिथि:

आवेदन की अंतिम तिथि- 21 मई 2018

NJA Research Fellow recruitment notification 2018:

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) ने रिसर्च फेलो के रिक्त पद पर भ्रती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।

नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी ( NJA ) का परिचयः

न्यायिक अधिकारियों को सेवा के दौरान प्रशिक्षण देने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की स्थापना की है। इसका पंजीकरण 17 अगस्त 1993, को सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत हुआ था। यह अकादमी भोपाल में स्थित है जिसका पंजीकरण कार्यालय दिल्ली में है।

इस अकादमी में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के न्यायिक अधिकारियों के अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के विभागीय अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अकादमी न्यायिक शिक्षा, शोध और प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करेगी।

अकादमी के उद्देश्यों में न्यायिक सुधार और नीति निर्माण के साथ बेहतर कुशलता, निष्पक्षता और प्रस्तुति के लिए शोध प्रदत्त सेवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त न्यायार्थी हितैषी न्याय प्रणाली के लिए अदालतों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार भी प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं।

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