ट्रेड अपरेंटिस के पदों पर निकली वैकेंसी, करें आवेदन

RRCAT Trade Apprentices recruitment 2018, राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ), इंदौर, मध्य प्रदेश ने 50 ट्रेड अपरेंटिस पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक आईटीआई पास उम्मीदवार निर्धारित प्रारूप के तहत 10 अगस्त 2018 तक या इससे पहले आवेदन कर सकते हैं।

राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ), इंदौर, में रिक्त पदाें का विवरणः


ट्रेड अपरेंटिस ( Trade Apprentices ) - 50 पद

ट्रेड अनुसार पदाें का विवरणः

इलेक्ट्रीशियन- 8 पद

इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक- 9 पद

फिटर- 14 पद

मशीनिस्ट- 3 पद

टर्नर- 4 पद

ड्राफ्ट्समैन (मैकेनिकल)- 4 पद

मैकेनिक रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग- 2 पद

वेल्डर (गैस एंड इलेक्ट्रिक)- 2 पद

मेसन (बिल्डिंग कंस्ट्रकटर)- 1 पद

सर्वेयर- 1 पद

प्लंबर- 1 पद

इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम मेंटेनेंस- 1 पद


राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ), इंदौर में रिक्त पदाें पर आवेदन के लिए शैक्षणिक योग्यता:

ट्रेड अपरेंटिस- उम्मीदवार को प्रासंगिक ट्रेड में आईटीआई पास होना आवश्यक है।

 

राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ), इंदौर में रिक्त पदाें पर आवेदन के लिए चयन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों का चयन 10वीं एवं आईटीआई में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जायेगा।

RRCAT Trade Apprentices के पदाें पर आवेदन कैसे करें:

योग्य उम्मीदवार 10 अगस्त 2018 तक ऑफिशियल वेबसाइट www.apprenticeship.gov.in से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।


महत्वपूर्ण तिथि:

ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि- 10 अगस्त 2018, अपराह्न 3 बजे तक

RRCAT Trade Apprentices Recruitment 2018 :

राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ), इंदौर, मध्य प्रदेश में 50 ट्रेड अपरेंटिस पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।

राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी ( RRCAT ) का परिचयः

राजा रामन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार की एक इकाई है, जो लेजर, कण त्वरक और संबंधित प्रौद्योगिकियों के गैर-परमाणु फ्रंट लाइन शोध क्षेत्रों में आर एंड डी में लगी हुई है।19 फरवरी 1984 को भारत के राष्ट्रपति ग्यानी जेल सिंह ने केंद्र की नींव रखी। मई 1984 में प्रयोगशालाओं और घरों का निर्माण शुरू हुआ।

जून 1986 में, बीएआरसी, मुंबई के वैज्ञानिकों का पहला बैच आरआरसीएटी में चले गए और वैज्ञानिक गतिविधियां शुरू हुईं।

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